Major action taken against illegal construction in Morni:

हरियाणा के मोरनी में अवैध निर्माण पर हुई बड़ी कार्रवाई: मोरनी में 11 अवैध गेस्ट हाउस सील होंगे, हाईकोर्ट के निर्देश जारी

Major action taken against illegal construction in Morni:

Major action taken against illegal construction in Morni:

Major action taken against illegal construction in Morni: मोरनी क्षेत्र में तेजी से बढ़ते अवैध निर्माण पर प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। नाडा–मोरनी मार्ग पर अवैध रूप से संचालित 11 गेस्ट हाउसों को सील करने का आदेश जारी किया गया है। संचालकों को इसके लिए मात्र 96 घंटे की मोहलत दी गई है। यह कार्रवाई पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद तेज हुई है।

हाईकोर्ट ने मई 2025 में मोरनी इलाके में अवैध गेस्ट हाउसों को लेकर हरियाणा सरकार से जवाब मांगा था। इसके बाद प्रशासन ने मौके पर जाकर नोटिस चस्पा किए और अब अंतिम कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है।

पीडब्ल्यूडी और डीटीपी विभाग इन गेस्ट हाउसों को पिछले तीन साल में कई बार नोटिस भेज चुका है, लेकिन संचालक लगातार इन्हें संचालित करते रहे। प्रशासन के अनुसार, ये सभी गेस्ट हाउस पेरीफेरी कंट्रोल एक्ट के तहत प्रतिबंधित क्षेत्र में आते हैं, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण गैरकानूनी है।

अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कई स्थान अनैतिक गतिविधियों के अड्डे बन चुके थे। इन गेस्ट हाउसों में से किसी के पास सीएलयू, एनओसी या टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग की मंजूरी नहीं है।

मोरनी क्षेत्र में अवैध निर्माण का यह अकेला मामला नहीं है। थापली रोड के 24 गेस्ट हाउसों में से 22 पहले ही सील किए जा चुके हैं। चंडीवास क्षेत्र में दो गेस्ट हाउस अलग रास्ते बनाकर चोरी-छिपे संचालित हो रहे हैं, जबकि मांदना में लगभग 15 और अवैध गेस्ट हाउस सक्रिय बताए जा रहे हैं।

इसी तरह, वार्ड-20 के गांव बिल्ला में नगर निगम द्वारा किए गए सर्वे में 46 अवैध फार्म हाउसों का खुलासा हुआ था। मालिकों को नोटिस जारी हुए, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया।

दिसंबर 2023 में वसूली समिति ने 15 दिन में कार्रवाई का दावा किया था। जून 2025 की बैठक में भी यह मामला उठा, लेकिन आज तक इन फार्म हाउसों पर बुलडोजर नहीं चला है। निगम की इस निष्क्रियता पर अब स्थानीय लोग और सामाजिक संस्थाएं सवाल उठा रही हैं।

पंचकूला के डीटीपी संजय नारंग ने बताया, “गेस्ट हाउस संचालकों को कई बार नोटिस जारी किए जा चुके हैं। सभी को 96 घंटे का समय दिया गया है, उसके बाद सख्त कार्रवाई होगी।”